इस बात पे
उस बात पे
तेरी हर बात पे
छोटी छोटी बात पे
बड़ी बड़ी बात पे
मैं अब भी करता
हूँ इरशाद !!
तेरी- मेरी ,मेरी- तेरी
मुलाक़ात के दिन
वो प्यार के दिन
मैं अब भी करता
हूँ याद !!
रूठ जाने के दिन
फ़िर मनाने के दिन
सुबह सुबह तेरी गली
तेरे कूचे मे आने के दिन
बेवजह सी बातों के दिन
बेसबब झगडों के दिन
अब भी मुझे
आते हैं याद !!
चाचा चौधरी ,बिल्लू पिंकी
साबू और तेरा मेरा साथ
अब भी नींद मे आ जाता है
अक्सर ...
कॉमिक्स के रंग बिरंगे पन्ने
उन पन्नों पे धड़कते अपने
दिल को बना देना
हमारे घर से ,तुम्हारे घर तक
रोज़ रोज़ कॉमिक्स का
आना जाना !!
रंग बिरंगे पन्नों पे धड़कते दिल
मे कभी कभी तुम्हारा प्यार से
"A -A " लिख देना
अपने प्यार के इजहार का रंग
रंग बिरंगे पन्नों पे भर देना
फ़िर तसल्ली रख के
दिल ही दिल मे ये सोचना
प्यार का ये इजहार
बेशक चचा चौधरी बिल्लू
पिंकी को पता है
घर वालो को इसकी भनक भी
नही ......
इजहारे वफ़ा कॉमिक्स के पन्नों
पर जो चलता रहा
वो याद आता है अब भी ।
वफ़ा की राह मे जो
आएगा कभी कोई
दुश्मन अपना
साबू का मुक्का
उसे माकूल जवाब
देगा ....
वो पन्ने आज भी
याद आते हैं ...
धड़कता दिल दिखता
है मुझे तेरा मेरा
दिल मे लिखा
"A " A " भी !
लेकिन आज भी क्यों
यूँ लगता है ,
कि चाचा चौधरी का
दिमाग कंप्यूटर से
भी तेज़ चलता होगा
हर मुश्किल का हल
उनके पास होता है
मुझे अब भी
एतबार है की
चाचा चौधरी का
कंप्यूटर से भी
तेज़ दिमाग
मेरी तेरी
सारी उलझन को
सुलझा लेगा ।
10 comments:
amitabh ji aap ki har baat par dil main ek apne gaon ki har baat ka ehsas hota hai aur umeed karta hun ki aap aage bhi kuch aur acchi kavitain likhenge..
aap ka shubchintak
kalim shibli
अमिताभ जी ,
पाठक को अपने साथ एक अनोखे सफर पर ले जाने की शक्ति इस रचना में है, बहुत सुंदर कविता !
शुभकामना और अभिवादन सहित,
सतीश वाघमारे
अमिताभ जी आपकी रचना ने मेरे बचपन के वो पल याद दिला दिए जब मेरे जेब खर्चे का अधिकांश पैसा इन कॉमिक्स पर ही खर्चा जाता था आज वो सब कितना अजीब लगता है लकिन वो दिन आज भी याद आते है इस तरह का साधारण बात का सुन्दर चित्रण करने के लिए आप जैसे ही कीसी रचनाकार की आवश्यकता थी जीवन की हर बात जो सच होती है वह कभी भी याद आने पर मन और आत्मा का तरोबतर कर देती है
धन्यवाद
वाह भाई, बड़ी उम्दा शिल्प है. बधाई.
लेकिन आज भी क्यों
यूँ लगता है ,
कि चाचा चौधरी का
दिमाग कंप्यूटर से
भी तेज़ चलता होगा
हर मुश्किल का हल
उनके पास होता है
मुझे अब भी
एतबार है की
चाचा चौधरी का
कंप्यूटर से भी
तेज़ दिमाग
मेरी तेरी
सारी उलझन को
सुलझा लेगा ।............
कितनी मासूम सोच है,बहुत प्यारी-ईश्वर की दुआ लगे....
http://www.orkut.com/Community.aspx?cmm=38879132
yahan bhi likhen to khushi hogi.
bahut badhiya....hazure vala.
कॉमिक्स के रंग बिरंगे पन्ने
उन पन्नों पे धड़कते अपने
दिल को बना देना
हमारे घर से ,तुम्हारे घर तक
रोज़ रोज़ कॉमिक्स का
आना जाना !!
bhai,
kya baat hai.
baat par likha ...
har baat par likha ...
bachpan ke din par likha ...
aur likha ... mulaakat par
bhai vaah !
badhai ho...
thanks
Aji Waah waah waah waah waah.....
all these things u has mentioned in this article are superb, no one could deny that he/she had not done all these things in his/her childhood stage.
waah waah...
Kavi ki kalpana to dhekhiye....
waah waah...
वफ़ा की राह मे जो
आएगा कभी कोई
दुश्मन अपना
साबू का मुक्का
उसे माकूल जवाब
देगा ....
अमिताभ जी ,
हर बात एक अलग अंदाज़ की रचना है .... इसमें प्रेम की मासूमियत को आपने बखूबी पिरोया है .अदभुत सुन्दर अति सुन्दर !!ऐसा ही लिखते रहे !!
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