रंग उल्फत का अबकी होली दीजो
अंग संग मेरी रूह भी रंग दीजो
लाल पीला गुलाबी हरा नीला
रंग तोरा श्याम छैल छबीला
अपने रंग से अबकी रंग दीजो
अंग संग मेरी रूह भी रंग दीजो
रंग संग हो गई चुनर रंग
तेरे संग जागती सोती उमंग
तोरे रंग से महके मेरे दिन
तोरे रंग में रंगे मेरे पल छिन
तोरे रंग का जादू अब मुझ पर
रंग तोरा मेरी राहों का रहबर
अपनी उमंग अबकी भर दीजो
अंग संग मेरी रूह भी रंग दीजो
मेरे कतरे के समन्दर कीजो
अंग संग मेरी रूह भी रंग दीजो
मेरी रूह पर जबसे पड़ा तोरा रंग
मन मेरा जगा ,मेरे संग हुआ रंग
अपने ही अंग से अबकी रंग दीजो
रंग उल्फत का अबकी होली दीजो
अंग संग मेरी रूह भी रंग दीजो
लाल पीला गुलाबी हरा नीला
रंग तोरा श्याम छैल छबीला
अपने रंग से अबकी रंग दीजो
अंग संग मेरी रूह भी रंग दीजो
रंग संग हो गई चुनर रंग
तेरे संग जागती सोती उमंग
तोरे रंग से महके मेरे दिन
तोरे रंग में रंगे मेरे पल छिन
तोरे रंग का जादू अब मुझ पर
रंग तोरा मेरी राहों का रहबर
अपनी उमंग अबकी भर दीजो
अंग संग मेरी रूह भी रंग दीजो
मेरे कतरे के समन्दर कीजो
अंग संग मेरी रूह भी रंग दीजो
मेरी रूह पर जबसे पड़ा तोरा रंग
मन मेरा जगा ,मेरे संग हुआ रंग
अपने ही अंग से अबकी रंग दीजो
रंग उल्फत का अबकी होली दीजो
(आप सभी को होली की रंगों भरी शुभकामनायें !!!)
1 comment:
होली पर आपकी रचना पड़ी जो मुझे बेहद खुबसूरत लगी जिसके अल्फाज और उसमे प्रभू प्रेम सब कुछ प्रसंसनीय लगा
आपको मेरा प्रणाम
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