Sunday, 9 May 2010

माँ


धूप में छाया जैसी ,छाँव में नदिया जैसी
हाथ दुआओं वाले ,रोशन करे उजाले

प्रेम की मूरत ,दया की सूरत
ऐसी और कहाँ है ,जैसी मेरी माँ है ।
तन में मन के जैसी ,जीवन में बगिया जैसी
जिसके दर्शन में हो भगवन

ऐसी और कहाँ है ,जैसी मेरी माँ है
(नज्म : निदा फाजली )

आप सभी को मदर्स डे की शुभकामनायें !!!

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