Tuesday, 20 January 2009

तीन गहने


फूलो के बाग़ का है ये वादा
मुस्कुराने का कर इरादा
हँस तू खिलते फूलों की तरह
जिंदगी से जुड़
महकती फिजा की तरह
तेरी हसी से वादियाँ हसे
तेरी खुशी में नदियाँ मुडे
तेरे गालो से झरने बहे
गीत कोई गुनगुना
बिन कहे ही मुस्कुरा
तेरे लबो पर हसी का बोसा
देगा हसने का फूलो को मौका
जिंदगी फ़कत दुश्वारियां नही
जिंदगी गीत भी है
जियो हसो प्यार करो ,
ज़िन्दगी नई बहार करो
खुलो मिलो खुश रहो
ज़िन्दगी गुलज़ार करो
जीना, हसना, प्यार करना
ज़िन्दगी के ये तीन गहने
जो भी पहने
जिंदगी लगे गाने हसने

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