देख लो सपना कोई
कोई कहने लगा
जाने किसकी है ये दुआ
पिघला पिघला रहने लगा
फूलो के जैसा मौसम हुआ
रंग कोई रूह में भरने लगा
जाने किसकी है ये दुआ
पिघला पिघला रहने लगा
तुम खुदा बनके छाने लगे
दिन मेरे अब गाने लगे
आस्मां दिल में समाने लगे
जाने किसकी है ये दुआ
पिघला पिघला रहने लगा
झरने के जैसा बहता है मन
जाने कौन बांधे है मन
रुत ये हसीं बनके उड़ने लगी
सोई सोई आंखे जागने लगी
आँखों में कोई समाने लगा
खुदा भी नज़र आता लगा
जाने किसकी है ये दुआ
पिघला पिघला रहने लगा
कोई कहने लगा
जाने किसकी है ये दुआ
पिघला पिघला रहने लगा
फूलो के जैसा मौसम हुआ
रंग कोई रूह में भरने लगा
जाने किसकी है ये दुआ
पिघला पिघला रहने लगा
तुम खुदा बनके छाने लगे
दिन मेरे अब गाने लगे
आस्मां दिल में समाने लगे
जाने किसकी है ये दुआ
पिघला पिघला रहने लगा
झरने के जैसा बहता है मन
जाने कौन बांधे है मन
रुत ये हसीं बनके उड़ने लगी
सोई सोई आंखे जागने लगी
आँखों में कोई समाने लगा
खुदा भी नज़र आता लगा
जाने किसकी है ये दुआ
पिघला पिघला रहने लगा
1 comment:
bahut khoob geet likha bhai ji
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