जीवन तपती धूप
बदले इसके रंग रूप
जीवन को छांव मिल जाती
जीवन खिल जाता है
जो साईं की शरण में
आता है ।
मेरे मक्का और काबा
शिर्डी के साईं बाबा
पीर पीड़ा हरता है
पीर की किरपा से
जीवन संवरता है
पीड़ा को हरते
जीवन को सहज करते
साईं बाबा ।
पानी से दीप जल जाते है
जीवन सुमन खिल जाते है
बाबा की कृपा से होती
जीवन सुमन की वृष्टि
ऐसा कोई नही जिस पर
नही है बाबा की दया
की दृष्टि ।
रूह भी गाने लगती है
सांसे भी भजने लगती है
सांसों में लीन लीन
जीवन का एहसास
विश्वास
साईं बाबा ।
बदले इसके रंग रूप
जीवन को छांव मिल जाती
जीवन खिल जाता है
जो साईं की शरण में
आता है ।
मेरे मक्का और काबा
शिर्डी के साईं बाबा
पीर पीड़ा हरता है
पीर की किरपा से
जीवन संवरता है
पीड़ा को हरते
जीवन को सहज करते
साईं बाबा ।
पानी से दीप जल जाते है
जीवन सुमन खिल जाते है
बाबा की कृपा से होती
जीवन सुमन की वृष्टि
ऐसा कोई नही जिस पर
नही है बाबा की दया
की दृष्टि ।
रूह भी गाने लगती है
सांसे भी भजने लगती है
सांसों में लीन लीन
जीवन का एहसास
विश्वास
साईं बाबा ।
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