इन अंधेरों को अलविदा कह दे
तुझे देने सूरज लाया हूँ
खत्म होता होगा अर्श भी कहीं
फर्श को अर्श का मकां देने आया हूँ
जलवों के जलसे लिए
रोशनाई की कतार लाया हूँ
बेफिक्र हो जा आज कि मैं
सीधे खुदा से मिलके आया हूँ
(आप सभी सुधि पाठकों को दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनायें
दीपो का यह पर्व आपके जीवन में सुख समृद्धि शान्ति और उल्लास
का प्रकाश लाये .....
शुभकामनायें
आपका ही
अमिताभ )