Friday 29 August, 2008

कहर नही रहम कर


प्यारे खुदा ,
कैसा ये कहर है
ये कैसा मंज़र है
कोसी क्यों ऐसे रूसी
कहीं बादल हमसे रूठे
खुदा थोड़ा सा रहम कर
इस कहर को बंद कर
हम बच्चों की अर्ज़ को सुन
खुदा तू सचमुच प्यारा है
तू अपनी कायनात को प्यार कर



जहाँ अभी बरसा नही है पानी
वहां ये बादल ले के जा
तरसे नैनों को अब और
वहां न तरसा
कोसी के क्रोध को अब शांत भी कर

मुश्किल में हैं तेरे बन्दे वहां
थोड़ा सा तो पिघल
कुदरत का कहर यूं ही जारी रहा तो
कौन तेरे गुन गायेगा
खुदा हम बच्चे हैं तेरी तरह
हम सच्चे हैं
हमारी अर्जी को सुन
रोक ले इस कहर को अब



प्यारे खुदा कायनात भी तेरी सुनती है
तेरी ही मर्ज़ी से ये दुनिया चलती है
हाथ उठाये हैं दुआ में हम बच्चों ने
हमें मायूस न करना
खुदा हमारी दुआ को
कबूल करना

खुदा कहर नही रहम कर


(बिहार का शोक' कही जाने वाली कोसी नदी की बाढ़ का प्रकोप जारी है और अब भी हज़ारों लोग पानी के बीच फँसेहुए हैं. राहत और बचाव कार्य जारी है. मध्य प्रदेश में कई क्षेत्रों में बारिश नही हो रही .कहते खुदा बच्चो की पुकारको जल्दी से सुन लेता है .बच्चो की ये दुआ खुदा कबूल करे .बाढ़ को रोक दे और जहाँ बादल नही बरसे हैं वहां पानीबरस जाए --आमीन ! आमीन!! आमीन !!!)

1 comment:

karmowala said...

बच्चो की फरियाद से रो देता है जब तू तो उनकी लाशो को कैसे देख सकता है तू नही ये तेरी मर्ज़ी तो बिल्कुल नही होगी लेकिन जब तेरी मर्ज़ी के बगैर पत्ता तक नही हिलता तो ये सब कैसे हो जाता है ये शेतान की कोई चाल तो नही अब आ तू और कर कोई चमत्कार जगा दे इस इंसान के ईमान को और हरा उस हेवान को जय जय श्री राम (परम पिता )