Tuesday 30 September, 2008

माँ का आराधन


नमो नमो गौरी नारायणी
नमो नमो जगदम्बा
नमो नमो विद्या देवी
नमो नमो माँ शारदा
इस जगत के कण कण में
में व्याप्त , सर्वव्याप्त
प्राणियों के जीवन में व्याप्त माँ
इस जगत के क्लेश हर लो
इस जगत को निर्भय कर दो
सुख समृद्धि रिद्धि और सिद्धि
का वर दो
जगत पालिनी , वरदायनी
नमो नमो देवी दुर्गा
नमो नमो देवी गायत्री
नमो नमो देवी वसुधा
मंगल करो इस जग का
पुष्पांजलि माँ वरदा
(आप सभी सुधि पाठकों को नवरात्री की हार्दिक
शुभकामनायें
)

Sunday 28 September, 2008

सौ शक्ल चाँद की


सौ शक्ल चाँद की
चाँद चेहरा बदलता है
रात आसमान में
चाँद का रौब ही चलता है
माना नूर चाँद आफ़ताब का दिया हुआ
चाँद कहे इस बात पे उसको शुक्रिया
पर ये भी सच कि आसमान में हूर तो चाँद है
उसके हुस्न जलवों पे सब निसार है
सैंकडों खूबी चाँद की
चलती रूकती रात चाँद की
एक तारा रोज़ आसमान में चाँद की ओर बढ़ता है
चाँद को चूमने की हसरत लिए रोज़ घर से निकलता है
चाँद उसे आगोश में लेने
आधे से भी आधा हो जाएगा
चाँद के हुस्न को वो तारा ही बढ़ाएगा
जैसे सफ़ेद काजल का टीका
चाँद को दुनिया की नजर से बचायेगा ?
जब तारा चाँद को चूमेगा
ईद की खुशी में ये आलम झूमेगा
चाँद!!
तुम बहुत प्यारे हो
इसलिए भी तुम दोस्त हमारे हो

Tuesday 23 September, 2008

खुदा आराम फरमा


खुदा कुछ के देर के लिए मेरे पास बैठ जा
थक गया होगा तू
दुनिया को चलाते कुछ देर आराम से सुस्ता जा .
तुझको चाहे कितने भी दे दे हम ताने
हम अक्सर भूल जाते है
थक तो जाता होगा तू भी
हम क्यूँ नही समझ पाते है
खुदा चल आराम फरमा
कुछ देर के लिए तू भी
दुनिया को भूल जा
दुनिया बनाई तूने जिस दिन से उस दिन से
ही काम से जुता है
आख़िर सोचता हूँ मैं सिर्फ़ नाम लेने जपने भजने से ही
तुझको क्या मिल जाता है
इतने सारे काम की खुदा तू तनख्वा बहुत कम पाता है
हम भी कैसे एहसान फरामोश इतना भी समझ नही पाते
तेरी रहमत पर जाने क्यों सवाल उठाते
खुदा तेरे नाम पर खीर का भोग जो हमने रखा
आज पूछना है तुझसे क्या तूने कभी उसे चखा
खुदा सच कहता हूँ तुझे भी आराम मिलना चाहिए
कम से कम हफ्ते में इक रोज़ तुझे भी
छुट्टी ले लेना चाहिए
खुदा थोड़ा आराम कर ले
ख़ुद को तरोताजा कर ले

Thursday 18 September, 2008

मुन्नी की निंदिया


मुन्नी की निंदिया
जादू की पुडिया
सिरहाने पर ख्वाब है
झरोकें पर चाँद है
बिझौना ये नींद का लाजवाब है
रातों में रंगों से भरे
मुन्नी के सलोने से ख्वाब हैं
नीदों में परियां आएगी
जब मुन्नी सो जायेगी
मीठी सी पोपिंस की गोली
मुन्नी को देके जाएँगी
गालो में मुन्नी के चुम्मा दे दो
गुलाबी सी नींदों में मुन्नी सो जायेगी
चाँद से रसगुल्ला टपकेगा
मुन्नी की नींदों में
खुशियों का पिटारा निकलेगा
मुन्नी की लोरी दादी ने गायी
तारों सितारों की झालर बनायी

Monday 15 September, 2008

खुदा को ख़त


(एक)
प्यारे खुदा ,
सहमी सी क्यों ये फिजा है
मासूम से लोगो का आख़िर
गुनाह क्या है ?
क्यों बार बार इंसानियत
जार जार होती है ?
इन धमाकों से खुदा
अब इंसानियत रोती है !!

(दो)
सुनते थे कि एक रोज़ तू क़यामत लायेगा
हम सबको देना होगा तेरा हिसाब
लगता है तेरी इस दुनिया में तेरे बन्दे
क़यामत लाने का हक
अब तुझसे छीनने लगे है
तेरे बन्दे ही अब क़यामत ला देते है
कभी धमाकों की शक्ल में
कभी वहशत भरी अक्ल से
धमाके अब दिल को दहलाते नही
तेरी रजा से पत्ता भी नही हिलता
तब क्या इन धमाकों के पीछे भी
तेरी ही मर्जी है
खुदा ये हद है ऐसे खुदगर्ज़ न बन
अपनी दुनिया को पुरसकून कर

(तीन)
तेरी प्रजा ,तेरी रजा को ही मान लेती है
तेरी प्रजा तेरी रजा से खुश है
खुदा इस शोर शराबे का न जाने
तुझ पर असर होता भी ये या नही
मुझे मालूम नही ,इतना ज़रूर है
खुदा जो भी ये वहसत करता है
वो दहशतगर्द तेरा बंद नही हो सकता
रमजान के नेक मुबारक
महीने का ख्याल भी नही
अजान और नमाज़ में
इंसानियत का लिहाज़ भी नही
ये धमाका ... शैतान का काम है
उसे सज़ा देना खुदा तेरा ही अब काम है

Thursday 11 September, 2008

सिद्धिविनायक नमो नमः


ॐ सिद्धिविनायक नमो नमः
जय गणपति बप्पा मोरिया
ॐ सिद्धिविनायक गणनायक
कृपा करो गणेश
अपने आशीषों से भरना ये वसुधैव
विघ्नेश विघ्नों को हरना
सबकी मुरादे पूरी करना
कृपा करो गौरी गणेश
ॐ सिद्धिविनायक नमो नमः
जय गणपति बप्पा मोरिया
लोकनायक सदा सहायक
अनुपम है तेरी भक्ति
रिद्धि सिद्धि तुझसे मिलती
हे ! गणनायक सदा सहायक
तीनों लोक में तेरा पूजन
तेरा अर्चन तेरा वंदन
ॐ जय जय सिद्धिविनायक
ॐ सिद्धिविनायक नमो नमः
जय गणपति बप्पा मोरिया
जिसने मन से तुझको ध्याया
उसने तेरी कृपा को पाया
सबसे सरल है तेरी भक्ति
तेरी भक्ति देती शक्ति
तू सहज है तू सरल है
जय जय सिद्धिविनायक
ॐ सिद्धिविनायक नमो नमः
जय गणपति बप्पा मोरिया
गणपति बप्पा मोरिया
मंगल मूर्ती मोरिया
निर्मल मन का तू ही आधारा
इस जगत का तू ही सहारा
अपने कृपा के नेह से भरना
जीवन को सफल करना
ॐ सिद्धिविनायक नमो नमः
जय गणपति बप्पा मोरिया

Wednesday 3 September, 2008

श्री गणेश जय गणेश



प्रथमेश प्रथम प्रणाम ,गौरीनंदन गजाननाय
वरदाय सुखदाय ,गौरीपुत्रं विनाकाय
जय जय जय गणपति प्रभु जी की

विद्यादायी महासुखदाई ,प्रथम पूज्य वरदायी
गणपति जी का आराधन कर लो ,सच्चे ह्रदय सच्चे भावों से
इनके वंदन स्मरण मात्र से दूर हो जाए सारे बंधन
इस जग का कल्याण करे,जन जन के दाता

प्रथमेश प्रथम प्रणाम ,गौरीनंदन गजाननाय
वरदाय सुखदाय ,गौरीपुत्रं विनाकाय
जय जय जय गणपति प्रभु जी की

उमासुतम हर ले तम को फैला दे उजियारा
पावन पुनीत नाम है गणपति जी का, रिद्धि सिद्धि के दाता

प्रथमेश प्रथम प्रणाम ,गौरीनंदन गजाननाय
वरदाय सुखदाय ,गौरीपुत्रं विनाकाय
जय जय जय गणपति प्रभु जी की


(आप सभी सुधि पाठकों को गणेश उत्सव की हार्दिक शुभ कामनाएं .वरदाता समूचे विश्व का कल्याण करे .यही गणेशजी से प्रार्थना है .गणेश जी हम सबकी विनती को सुने बिहार, उत्तरप्रदेश , असम में आई प्राकृतिक विपदा से हम सभी को जल्द राहत मिले .आप सभी से नम्र प्रार्थना है कि बिहार में चल रहे राहत कार्यों में खुल के अपना योगदान देगणेशजी हम सब के जीवन को प्रसन्नता खुशहाली ,समृद्धि से भर दे गणेश जी ऐसा ही वर हम सब को दे ...अमिताभ )