Tuesday, 30 September 2008

माँ का आराधन


नमो नमो गौरी नारायणी
नमो नमो जगदम्बा
नमो नमो विद्या देवी
नमो नमो माँ शारदा
इस जगत के कण कण में
में व्याप्त , सर्वव्याप्त
प्राणियों के जीवन में व्याप्त माँ
इस जगत के क्लेश हर लो
इस जगत को निर्भय कर दो
सुख समृद्धि रिद्धि और सिद्धि
का वर दो
जगत पालिनी , वरदायनी
नमो नमो देवी दुर्गा
नमो नमो देवी गायत्री
नमो नमो देवी वसुधा
मंगल करो इस जग का
पुष्पांजलि माँ वरदा
(आप सभी सुधि पाठकों को नवरात्री की हार्दिक
शुभकामनायें
)

8 comments:

ANKIT KUMAR said...

जय माता रानी

ANKIT KUMAR said...

ऐसा कौन सा सच है जिसको आदमी भूल जाता है और आदमी विश्वास(BLIVE) नही करता?

ANKIT KUMAR said...

G♥♥♥♥D NIGHT

ANKIT KUMAR said...

G♥♥♥♥D NIGHT

ANKIT KUMAR said...

♣हर खुशी दिल के करीब नहीं होती
ज़िंदगी ग़मों से दूर नहीं होती
इस दोस्ती को संभाल कर रखना
क्यूंकि दोस्ती हर किसी को नसीब नहीं होती

ANKIT KUMAR said...

Na Tang Karo, Hum Sataye Hue He,
Mohabbat Ka Gum Dil PeUthaye Hue He,
Khilona Samaz Kar Humse Na Khelo,
Hum B Usi Khuda K Banaye Hue He.

ANKIT KUMAR said...

कृपया मेरी ब्लाग SITE PAR JAYE- WWW.ANKITRAMNAGAR1.BLOGSPOT.COM

ANKIT KUMAR said...

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