सिलसिला बातो का ख्यालो का (दिल में आया ख्याल तो बस लिख दिया !!)
चलते फिरते बिना प्रयोजन से लिखी बातो का सिलसिला !!
Tuesday, 11 March 2008
कुछ भी नही
जैसा लगता है वैसा कुछ भी नही
ऐसा भी नही वैसा भी नही
नही नही कुछ भी नही
हर बार डूबने का मज़ा आता है
हर बार दिल गाता है
उतर आता है जो ख्याल वही सच्चा
बाकी सब ऐसा वैसा कुछ भी तो नही !!
1 comment:
परमजीत सिहँ बाली
said...
बढिया!
12 March 2008 at 3:35 am
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1 comment:
बढिया!
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