Wednesday, 26 March 2008

यूहीं चले

इश्क के सिलसिले
जनम जनम तक मिले
तुम मिलो हम मिले
इस गगन के तले
चाहतों के सिलसिले
यूहीं चले यूहीं चले
तुम्हारी आगोश मे
खुशियों के गुल खिले
प्यार की बाते
प्यार के ख़त
ऐसी ही सौगते मिलती रहे
चाहतों के सिलसिले
यूहीं चले यूहीं चले
तुम्हारे साथ कायनात हसीन लगती है ,
मुझको साथ मिले जो तेरा
तो हार भी जीत लगती है !!
तुम मिलो हम मिले
इस गगन के तले
चाहतों के सिलसिले
यूहीं चले यूहीं चले
इश्क के सिलसिले
जनम जनम तक मिले
तुम मिलो हम मिले
इस गगन के तले

2 comments:

karmowala said...

किसी को इतना प्यार न कर

के बैठे बैठे आन्ख नम हो जाये

उसे गर मिले एक दर्द

इधर जिन्दगी के दो पल कम हो जाये

MK Aftab said...

kya batt hai.......
khaas in lines ke liye...
Mujhko Sath Mile jo tera
To haar bhi jeet lagti hai...

keep it up dear..
my all best wishes with u always