Saturday 15 March, 2008

रंग दीजो

रंग दीजो रंग दीजो
अबकी होली मुझको
श्याम रंग मे
मैं हो जाऊँ श्यामल श्यामल
शीतल शीतल
श्याम रंग मे
मुझको रंग दीजो
श्याम रंग मे
तन पे मेरे
मेरे मन पे
रूह को मेरी
रंग दीजो श्याम रंग मे
रोम रोम मे
जब रंग ये जाए
जन्म जन्म उतरने ने पाए
प्रभुजी हर जीवन मे
बस ये ही वर दीजो
रंग दीजो अबकी होली
मुझको श्याम रंग मे
रंग दीजो रंग दीजो
अबकी होली मुझको
श्याम रंग मे
मैं हो जाऊँ श्यामल श्यामल
निर्मल मन हो जाए
धवल धवल उज्जवल
ऐसा रंग दीजो मुझको
अबकी होली
श्याम रंग मे

2 comments:

karmowala said...

होली के अवसर पर आपका लेख उसमे निश्चल प्रेम का रंग भरना दोनों तरह से सही समय पर की हुई टिप्पणी है आज समाज को इसी सन्देश की जरूरत है

Anonymous said...

sundar kavita...