रंग दीजो रंग दीजो
अबकी होली मुझको
श्याम रंग मे
मैं हो जाऊँ श्यामल श्यामल
शीतल शीतल
श्याम रंग मे
मुझको रंग दीजो
श्याम रंग मे
तन पे मेरे
मेरे मन पे
रूह को मेरी
रंग दीजो श्याम रंग मे
रोम रोम मे
जब रंग ये जाए
जन्म जन्म उतरने ने पाए
प्रभुजी हर जीवन मे
बस ये ही वर दीजो
रंग दीजो अबकी होली
मुझको श्याम रंग मे
रंग दीजो रंग दीजो
अबकी होली मुझको
श्याम रंग मे
मैं हो जाऊँ श्यामल श्यामल
निर्मल मन हो जाए
धवल धवल उज्जवल
ऐसा रंग दीजो मुझको
अबकी होली
श्याम रंग मे
2 comments:
होली के अवसर पर आपका लेख उसमे निश्चल प्रेम का रंग भरना दोनों तरह से सही समय पर की हुई टिप्पणी है आज समाज को इसी सन्देश की जरूरत है
sundar kavita...
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