Monday, 3 November 2008

घुम्मी कर ले

आओ बच्चो कर ले घुम्मी
चाँद के गाल पे देदें चुम्मी
संग चले अपने
दादा -दादी,पापा-मम्मी

सर्दी लगे चाँद को तो
हम देंगे कम्बल
जो मांगे घर
ताज महल हम देदेंगे

गुदुगुदी सी रुई ला दो
चाँद का लिहाफ बना दो
बोलो तो नाना गायेंगे
इक गाना
या बोलो तो नानी
करने देगी मनमानी

बच्चो अपनी मर्जी है
आज मन मौजी है
तारों पे क़दमों को रख दे
आज फलक को गुलशन कर दे

या हस दे से ज़ोर से
हसी से कर दे हल्ला गुल्ला
चाँद के गाल पर भर दे
थोड़ा सा रसगुल्ला
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