सांस सांस जीवन है
उलझी सांसो को सुलझा लो
अपनी सांसो को साध के
जीवन को महका लो
सांस सांस महकेगा जीवन
जीवन बन जाएगा वंदन
जीवन का प्राण है सांसे
सांसो को हम थामे
सांस सांस सितार बजा ले
सांस सांस बजा ले मुरली
सांसो से सुमिरन कर ले
सासों से मना ले भगवन
सांसो को चलो हम साधे
जीवन को सहज बना ले
सांस है सहज सरल
जीवन को कर ले निर्मल
सांसो के इस आराधन में
जीवन को कीर्तन कर ले
सांसो के लिए चलो हम
ख़ुद का समपर्ण कर ले
सांस सांस सुदर्शन हो जाएँ
बनके मीरा मोहन हो जाएँ
एक लय दे दे जीवन को
जीवन को सुरीला कर ले
उलझी सांसो को सुलझा लो
अपनी सांसो को साध के
जीवन को महका लो
सांस सांस महकेगा जीवन
जीवन बन जाएगा वंदन
जीवन का प्राण है सांसे
सांसो को हम थामे
सांस सांस सितार बजा ले
सांस सांस बजा ले मुरली
सांसो से सुमिरन कर ले
सासों से मना ले भगवन
सांसो को चलो हम साधे
जीवन को सहज बना ले
सांस है सहज सरल
जीवन को कर ले निर्मल
सांसो के इस आराधन में
जीवन को कीर्तन कर ले
सांसो के लिए चलो हम
ख़ुद का समपर्ण कर ले
सांस सांस सुदर्शन हो जाएँ
बनके मीरा मोहन हो जाएँ
एक लय दे दे जीवन को
जीवन को सुरीला कर ले
(आर्ट ऑफ़ लिविंग में श्री श्री रविशंकर "महाराज जी " सांसो को साधने की बात कहते है । हम सबके जीवन का आधार सांसे ही हैं । और हम सभी सांसो की ही उपेक्षा करते हैं । सुदर्शन क्रिया सांसो में ताजगी भरने का काम करती है । जीवन को सहज और सरल कर देती है । सांसो को साध कर हम जीवन को साध सकते है । जीवन को गुलशन कर सकते हैं । यही सुदर्शन है ..यही जीवन है )
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