Friday 26 December, 2008

26/11 हम सब एक हैं


26/11 महज एक तारीख नही
ये वो दर्द है जो अब तक
मेरे
सीने में जिंदा है
एक
आग बनके ,
एक
तड़प
एक टीस बनके

मेरी
बैचेनी है
26/11
एक ऐसा घाव जिसे
मैं
देख रहा हूँ रोज़
बदस्तूर
आँख मिलाके

आज एक महीने बाद
मैं
इस दर्द से आँखे अपनी
नही
भिगाऊंगा
इस
वेदना को मैं
अभी
नही भुलाऊंगा

तब तक
जब
तक
हम
वहशत का
माकूल ज़वाब दे दे

ये दर्द अब हौसला है
ये
दर्द अब फ़ैसला है

26/11 दर्द तेरा
हम
भूले नही है
दहशत के खात्मे के लिए
हम सब एक हैं

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