Saturday, 13 December 2008

देखोगे ख्वाब


हकीकत भी होंगे
सच भी होंगे
देखोगे ख्वाब तो पूरे होंगे !!

ज़मीन पे उतर आयेगी जन्नत
सच भी होंगे,हकीकत भी होंगे
देखोगे ख्वाब तो पूरे भी होंगे !!

ज़िंदगी को मत जीना कभी
होकर उदास
रूखी रूखी रुठी रुठी
मत रखना दिल की किताब

रंग भी होंगे तरंग भी होगी
जिन्दगी पूरी लगेगी
एक दिया जलाना
ख़ुद पर एतबार का

एक लौ जलाना
एक लगन लगाना
जिन्दगी बनाने
की

हर लम्हा खुशी की सौगात लाएगा
खुश रहोगे तुम तो सारा आलम
सारा मंज़र हसीन नज़र आएगा

सच होंगे पूरे होंगे
देखोगे ख्वाब तो पूरे भी होंगे !!

1 comment:

karmowala said...

खवाब भी खूब देखते है हम कभी राजा होते तो कभी कोई सुपर हीरो
आप हर बात को काफी आनंद लेकर लिखते है जिससे वो आनंद आपकी रचना मे भी दीखता है लगता है की मस्तो की कोई टोली हो और हम सब मस्त हुए नाच रहे हो
आपका बहुत बहुत धन्यवाद