ज़रा एक बार
ये भी सोचना
ज़रा एक बार
ये ख़ुद से भी पूछना
ख़ुद से आँख भी मिलाना
ज़रा ये बात ख़ुद को
भी बताना
क्या हम भी नही हैं दोषी
इन धमाकों के ?
क्या ये वो हम ही नही
जो बिना पड़ताल के
रख लेते हैं अपने घरों में
किरायदार
क्या ये वो हम ही नही हैं
जो दे देते है अपने माहौल में
दहशतगर्दो को पनाह
क्या ये वो हम ही नही हैं
जो हमेशा अपनी निगाहें
फेर कर रखते हैं
अपने आस पास के माहौल से
हमारे बीच में
दहशत गर्द आ जाते है ?
और हम समझ भी नही पाते है!
क्या हमारी निगाहों ने
कभी किसी पर शक किया है .
ज़रा एक बार
ये ख़ुद से भी पूछना
ज़रा एक बार
ये भी सोचना
क्या ये वो हम ही नही
जो चुन लेते हैं
भ्रष्ट और निक्कमे नुमाइंदे
आख़िर कब तक हम भी
अपनी ज़िम्मेदारी से मुहं मोडेंगे ?
हमें चौकन्ना बनना होगा
हमें सजग रहना होगा
अपने आस पास के माहौल
पर नज़र रखनी होगी
कोई दहशत गर्द हमारे
बीच में फ़िर न आए
कोई भ्रष्ट निकम्मा नुमाइंदा
हमारे वोट से संसद में न जाए
रहना होगा होशियार
हम सबको बनाना होगा जिम्मेदार
अपने देश का सजग पहरेदार
ये भी सोचना
ज़रा एक बार
ये ख़ुद से भी पूछना
ख़ुद से आँख भी मिलाना
ज़रा ये बात ख़ुद को
भी बताना
क्या हम भी नही हैं दोषी
इन धमाकों के ?
क्या ये वो हम ही नही
जो बिना पड़ताल के
रख लेते हैं अपने घरों में
किरायदार
क्या ये वो हम ही नही हैं
जो दे देते है अपने माहौल में
दहशतगर्दो को पनाह
क्या ये वो हम ही नही हैं
जो हमेशा अपनी निगाहें
फेर कर रखते हैं
अपने आस पास के माहौल से
हमारे बीच में
दहशत गर्द आ जाते है ?
और हम समझ भी नही पाते है!
क्या हमारी निगाहों ने
कभी किसी पर शक किया है .
ज़रा एक बार
ये ख़ुद से भी पूछना
ज़रा एक बार
ये भी सोचना
क्या ये वो हम ही नही
जो चुन लेते हैं
भ्रष्ट और निक्कमे नुमाइंदे
आख़िर कब तक हम भी
अपनी ज़िम्मेदारी से मुहं मोडेंगे ?
हमें चौकन्ना बनना होगा
हमें सजग रहना होगा
अपने आस पास के माहौल
पर नज़र रखनी होगी
कोई दहशत गर्द हमारे
बीच में फ़िर न आए
कोई भ्रष्ट निकम्मा नुमाइंदा
हमारे वोट से संसद में न जाए
रहना होगा होशियार
हम सबको बनाना होगा जिम्मेदार
अपने देश का सजग पहरेदार
(चित्र :बीबीसीहिन्दी डॉट कॉम )
1 comment:
बहुत बढिया व सामयिक रचना है।बधाई।
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