Monday, 22 December 2008

चाँद पे सांता


जिंगल बेल जिंगल बेल
मिलजुल खेले खेल
चाँद पर जा बैठा सांता
वहां से भेजे केक

जिंगल बेल जिंगल बेल
चाँद के संग हिलमिल गाये
अबकी बार सांता
चाँद को ही ले आए

जिंगल बेल जिंगल बेल
चाँद पर कर ले धमाल
चाँद को सर्दी में दे दे शॉल
चाँद पे घूमे चाँद पर नाचे
खुशियाँ दुनिया में बाटें

चाँद से आएगा गिफ्ट
चाँद से आएगी टाफी
थोडी देर ही वहां पे रुकना सांता
बस इतना ही है काफ़ी

हम सबके बीच में आओ
सांता हमारी मुरादे
पूरी कर जाओ

चाँद ने कैसी की है
क्रिसमस की तैयारी
अबकी बारी हमें चाँद पर ले जाओ
सांता हमें भी चाँद की सैर कराओ

जिंगल बेल जिंगल बेल
आओ दिलो को मिला ले
पूरी दुनिया में प्यार हम फैलाये

1 comment:

सुप्रिया said...

happy xmas to u !!!

very nice poem