Friday, 1 February 2008

तुम्हारे पास

तुम्हारे पास आकर जाने का दिल नही करता
कोई दुनिया मे फिर नही दिखता
क्या यही है मुहब्बत कि
तुमसा हसीं कोई भी नही लगता

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