सिलसिला बातो का ख्यालो का (दिल में आया ख्याल तो बस लिख दिया !!)
चलते फिरते बिना प्रयोजन से लिखी बातो का सिलसिला !!
Thursday, 14 February 2008
गठरी
एक गठरी समान की
एक गठरी यादों की
लेकर आया गाँव से
मैं
यादों की गठरी बोझ नही मन पे
समान की गठरी बोझ क्यों लगती है ?
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