Thursday 14 February, 2008

आँगन

आंगन आज भी वही है
आँगन मे लगे दरख्त भी वही हैं

सब कुछ वैसा ही है जैसा पहला था

फर्क इतना बस कि

अब तू भी नही वहां पर
मैं भी नही वहां पर

यादो के गलियारे से
मायूस लौट के आया हूँ

पर यादो मे कहीं तेरा जिक्र नही
ऐसी तो बात नही !!

मैं रहूँ कही भी
तू हमेशा मेरे साथ मे हैं !!

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