आंगन आज भी वही है
आँगन मे लगे दरख्त भी वही हैं
सब कुछ वैसा ही है जैसा पहला था
फर्क इतना बस कि
अब तू भी नही वहां पर
मैं भी नही वहां पर
यादो के गलियारे से
मायूस लौट के आया हूँ
पर यादो मे कहीं तेरा जिक्र नही
ऐसी तो बात नही !!
मैं रहूँ कही भी
तू हमेशा मेरे साथ मे हैं !!
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