Friday 29 February, 2008

मुमकिन

चांद हथेली पर रहता है
आकाश का बिछौना रहता है
तारों कि चादर होती है
इश्क मे ख्वाब मे
सब कुछ मुमकिन होता है !!

1 comment:

karmowala said...

खाव्बो का अदित्य चित्रण महसूस हो रहा है
जैसे कीसी प्रेमी के लिए अपने महबूबा को चाँद तारे तोड़ के लेन के लिए कहते तो लगता की शयद दुनिया मैं कोई कुछ भी कर सकता है तो कीसी सचे पेर्मी की तलाश की जाये