चलते फिरते बिना प्रयोजन से लिखी बातो का सिलसिला !!
खाव्बो का अदित्य चित्रण महसूस हो रहा है जैसे कीसी प्रेमी के लिए अपने महबूबा को चाँद तारे तोड़ के लेन के लिए कहते तो लगता की शयद दुनिया मैं कोई कुछ भी कर सकता है तो कीसी सचे पेर्मी की तलाश की जाये
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खाव्बो का अदित्य चित्रण महसूस हो रहा है
जैसे कीसी प्रेमी के लिए अपने महबूबा को चाँद तारे तोड़ के लेन के लिए कहते तो लगता की शयद दुनिया मैं कोई कुछ भी कर सकता है तो कीसी सचे पेर्मी की तलाश की जाये
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