इश्क के सिलसिले
जनम जनम तक मिले
तुम मिलो हम मिले
इस गगन के तले
चाहतों के सिलसिले
यूहीं चले यूहीं चले
तुम्हारी आगोश मे
खुशियों के गुल खिले
प्यार की बाते प्यार के ख़त
ऐसी ही सौगते मिलती रहे
चाहतों के सिलसिले
यूहीं चले यूहीं चले
तुम्हारे साथ ही कायनात हसीन
लगती है , मुझको साथ मिले जो तेरा
तो हार भी जीत लगती है !!
तुम मिलो हम मिले
इस गगन के तले
चाहतों के सिलसिले
यूहीं चले यूहीं चले
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