सिलसिला बातो का ख्यालो का (दिल में आया ख्याल तो बस लिख दिया !!)
चलते फिरते बिना प्रयोजन से लिखी बातो का सिलसिला !!
Saturday, 9 February 2008
बोल
बोल नही पा रहा हूँ
राय नही दे पा रहा हूँ
क्या करूं माहौल ही ऐसा है
खुद से आज शर्मा रहा हूँ !!
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