Sunday 3 February, 2008

राहों मे

वो वाकया भूल नही सकता
फूल जिसकी खुशबू अभी तक
हवाओं मे है
बेकरार कर देने वाली
तेरी वो अदा
अब तक मेरे दिल की
राहों मे हैं

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