सिलसिला बातो का ख्यालो का (दिल में आया ख्याल तो बस लिख दिया !!)
चलते फिरते बिना प्रयोजन से लिखी बातो का सिलसिला !!
Friday, 1 February 2008
अपनापन
अपनो से ही अपनापन मिलता है
ये बात और कि कभी कभी
बेगाना भी अपना लगता है
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