सिलसिला बातो का ख्यालो का (दिल में आया ख्याल तो बस लिख दिया !!)
चलते फिरते बिना प्रयोजन से लिखी बातो का सिलसिला !!
Monday, 4 February 2008
करार
ये कहाँ आके क़दम ठहर जाते है
रास्ते बहते हुए गीत गाते हैं
मिल जाता हैं सुकून
दिल को करार आ जाता है
जब भी दिल तेरी गलियों मे आता है
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