सिलसिला बातो का ख्यालो का (दिल में आया ख्याल तो बस लिख दिया !!)
चलते फिरते बिना प्रयोजन से लिखी बातो का सिलसिला !!
Monday, 11 February 2008
चिंगारी
एक चिंगारी जलाओ
अपने भीतर
ताकि मिट सके
अंतःकरण का अंधकार
जलाओ जलाओ
जलने के लिए
हो जाओ तैयार
तस्वीर बदलना है
हालात बदलना है
अभी तो और दूर चलना है !!
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