सिलसिला बातो का ख्यालो का (दिल में आया ख्याल तो बस लिख दिया !!)
चलते फिरते बिना प्रयोजन से लिखी बातो का सिलसिला !!
Tuesday, 12 February 2008
फनकार
न तारीफ़ से गदगद होता है
न गाली से आहत होता है
सच्चा फनकार तो बस अपनी ही
धुन मे रहता है !!
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment