Friday 15 February, 2008

देखोगे ख्वाब

हकीकत भी होंगे
सच भी होंगे
देखोगे ख्वाब तो पूरे होंगे !!

ज़मीन पे उतर आयेगी जन्नत
सच भी होंगे
देखोगे ख्वाब तो पूरे भी होंगे !!

ज़िंदगी को मत जीना कभी
होकर उदास
रूखी रूखी रुठी रुठी
मत रखना दिल की किताब

रंग भी होंगे तरंग भी होगी
जिन्दगी पूरी पूरी लगेगी
एक दिया जलाना
ख़ुद पर एतबार का

एक लौ जलाना एक लगन लगाना
जिन्दगी को बनाने की
हर नूर मिलेगा
हर लम्हा खुशी की सौगात लाएगा

खुश रहोगे तुम तो सारा आलम
सारा मंज़र हसीन नज़र आएगा

सच होंगे पूरे होंगे
देखोगे ख्वाब तो पूरे भी होंगे !!

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