सिलसिला बातो का ख्यालो का (दिल में आया ख्याल तो बस लिख दिया !!)
चलते फिरते बिना प्रयोजन से लिखी बातो का सिलसिला !!
Sunday, 3 February 2008
एक बार
एक बार फिर वहीं चलते है
जहाँ मिलते थे हम कभी
तुम भी चोरी छिपे आना
अपनी सहेली को साथ लाना
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