सिलसिला बातो का ख्यालो का (दिल में आया ख्याल तो बस लिख दिया !!)
चलते फिरते बिना प्रयोजन से लिखी बातो का सिलसिला !!
Thursday, 7 February 2008
करीब
अब करीब आके भी दूर क्यों
लगते हो
अपनी उलझनों के सिवा कुछ
नही कहते हो
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