सिलसिला बातो का ख्यालो का (दिल में आया ख्याल तो बस लिख दिया !!)
चलते फिरते बिना प्रयोजन से लिखी बातो का सिलसिला !!
Friday, 8 February 2008
दिल की ख़ुशी
बिन पिए ही सरुर है
बात तुमको ये बताना ज़रूर है
दिल खुश हो गया
तुमको जो देख लिया
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